निडर आवाज को प्रेरित करने की एक पहल
जिन्होंने अपने जीवन को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने का आधार बनाया हो
जो नागरिक अधिकारों के लिए मुखरता से आवाज़ उठाते हों
जो अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए संघर्षरत रहते हों
“निर्भयता अध्यात्म की पहली आवश्यकता है। कायर कभी नैतिक नहीं हो सकते.”
महात्मा गांधी
निष्पक्ष एवं निडर आवाज़ का सम्मान
फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की पुण्य स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में आत्मविश्वास और निर्भीकता के साथ अपनी आवाज उठाने वाले व्यक्तियों/संगठनों को ‘फ्रीडम अवॉर्ड’ ट्रॉफी से सम्मानित किया जाता है। दानिश सिद्दीक़ी फ्रीडम अवार्ड ट्रॉफी के साथ प्रत्येक विजेता को 1 लाख रुपए की सम्मान राशि से सम्मानित किया जाता है।
The Danish Siddiqui Freedom Award
दानिश सिद्दीकी फ्रीडम अवार्ड्, जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी जी के निडर व्यक्तित्व एवं समाज में उल्लेखनीय बदलाव लाने वाले कार्यों को श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम है।
जो ‘किसान ट्रस्ट’ द्वारा उन व्यक्तियों/संगठनों को दिया जाता है जो संवैधानिक मूल्यों एवं जनता के अधिकारों को बनाए रखने एवं अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करने के लिए अपने कर्तव्यों के प्रति अपने अटूट संकल्प का परिचय देते हैं। दानिश सिद्दीकी फ्रीडम अवार्ड्, दानिश सिद्दीकी द्वारा सत्य की निरंतर खोज और तस्वीरों के माध्यम से देश-दुनिया में घटित हो रही घटनाओं की सच्ची कहानी कहने की अभूतपूर्व कला और अदम्य साहस को सम्मानित करता है।
DSF अवार्ड उन शख्सियतों के सराहनीय कार्यों को लोगों के समक्ष लाने का माध्यम है जो निडर होकर सामाजिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों की सशक्त आवाज़ बन रहे हैं।
हम साहस और सकारात्मक बदलाव लाने की दृढ़ प्रतिबद्धता वाले विचारधारा को सम्मानित करने में विश्वास रखते हैं। इस सार्थक मुहिम में हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम दानिश सिद्दीकी के मिशन को आगे बढ़ाने वाले व्यक्तियों के उल्लेखनीय कार्यों की सराहना करते हैं।
आइए हम उनके कार्यों को सम्मान देने के लिए एक साथ आगे आएं, उनकी आवाज को मजबूती दें और हमारे समाज को सकारात्मक दिशा देने वाले उच्च मूल्यों से प्रेरित दानिश सिद्दीकी के मिशन को जारी रखने में हमारा साथ दें
चयन समिति
डीएसएफ पुरस्कार चयन समिति के हमारे सम्माननीय सदस्य
योगेन्द्र यादव
सामाजिक कार्यकर्ता
इरफ़ान हबीब
लेखक एवं इतिहासकार
प्रवीण जैन
वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट
डीएसएफ अवार्ड 2022 – प्रथम आयोजन
2022 में यह सम्मान लखनऊ विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति और एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता, प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा, जाने-माने पत्रकार अजीत अंजुम एवं पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो जर्नलिस्ट अदनान आबिदी को दिया गया था।
रूप रेखा वर्मा
रूप रेखा वर्मा जी ने लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रोफेसर और डीन के रूप में कार्य किया है। वह ऑक्सफोर्ड...
अजीत अंजुम
अजीत अंजुम जी भारत के जाने-माने, निष्पक्ष और सच्चे पत्रकार हैं। 2010 में बिहार में आई भीषण बाढ़ पर रिपोर्टिंग...
अदनान आबिदी
प्रसिद्ध फोटो जर्नलिस्ट अदनान आबिदी को दो बार पुलित्जर पुरस्कार का सम्मान दिया गया है, इनका करियर खबरों...
DSFA 2023 के लिए पात्रता
मीडिया और फोटो जर्नलिज्म के अंतर्गत डीएसएफ पुरस्कार 2023 के लिए भेजे जाने वाली प्रविष्टियां 16 अगस्त 2022 से 15 अगस्त 2023 के बीच प्रकाशित होनी चाहिए।
संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता
आवेदक में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों की वकालत के लिए असाधारण समर्पण का गुण होना अनिवार्य है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण
योग्य पत्रकार निडरता से खबर की सच्चाई सामने लाते हों, भ्रष्टाचार को उजागर करते हों, एवं अपनी समाज के प्रति अपनी नैतिकता को कायम रखते हों।
मानवीय गरिमा की वकालत
ऐसे फोटो जर्नलिस्ट जो गंभीर मुद्दों पर अपनी प्रभावशाली तस्वीरों के माध्यम से समाज/लोकतंत्र की आवाज़ बन रहे हैं ।
Frequently asked questions
ऐसे व्यक्तियों/संगठनों को सम्मानित किया जाता है, जो संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने, नागरिक अधिकारों की वकालत करने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को संरक्षित करने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दिखाते हैं।
डीएसएफ पुरस्कार में तीन अलग-अलग श्रेणियां शामिल हैं:
सामाजिक सक्रियता: यह श्रेणी उन व्यक्तियों को सम्मान देती है जिन्होंने समाज में अपनी समर्पित सक्रियता और पहल के माध्यम से सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
पत्रकारिता: इस श्रेणी में, खोजी पत्रकारिता, भ्रष्टाचार को उजागर करने और जवाबदेही एवं नैतिकता को कायम रखने में निडरता दिखाने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया जाता है।
फोटोजर्नलिज्म: फोटोजर्नलिज्म श्रेणी उन व्यक्तियों, विशेष रूप से फोटो जर्नलिस्टों को सम्मानित करती है, जो महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर प्रकाश डालने वाली प्रभावशाली चित्रों को कैद कर असाधारण साहस से सच्ची कहानी कहने की क्षमता रखते हैं।
प्रत्येक श्रेणी में उन व्यक्तियों का सम्मान एवं पुरस्कृत किया जाता है, जिन्होंने संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया होता है।
हां, स्व-नामांकन स्वीकार्य है।
चयन प्रक्रिया में चयन समिति शामिल होती है जो नामांकन की समीक्षा करती है और स्थापित मानदंडों के आधार पर उनका मूल्यांकन करती है। पुरस्कार विजेताओं का चयन उनके कार्यों एवं श्रेणी में उल्लेखित मानदंडों के आधार पर किया जाता है।